नई दिल्ली : क्या पीएम मोदी को नोटबंदी को लेकर अपराधबोध है? क्या वो संसद से इसलिए भाग रहे हैं क्योंकि विपक्ष के सवालों का जवाब देना मुश्किल होगा? क्या सचमुच लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा इसलिए जनसभा में जा रहे हैं? क्या मोदी सवालों का जवाब देना नहीं चाहते सिर्फ भाषण देने में रुचि रखते हैं? इन तीनों सवालों का जवाब चाहे हां हो या ना लेकिन राहुल गांधी का रवैया देखकर लगता है कि वो मोदी का मुकाबला करने के लिए बेहद आतुर हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद का सामना करने और सांसदों के सवालों का जवाब देने की चुनौती दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जनता उनकी ‘एक तरफा कही गई बातों’ से थक गई है. बता दें कि गुजरात के डिसा में हुई सभा में मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि विपक्षी दल उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दे रहे,इसलिए उन्हें ‘जनसभा’ में बोलना पड़ रहा है.
पीएम के बयान पर राहुल ने अपना जवाब ट्विटर पर देते हुए कहा कि ‘मोदीजी जनता आपकी एक तरफा बातों से तंग आ गई है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ईमानदारी से संसद का सामना करें और हमारे प्रश्नों का उत्तर दें.’ स्मरण रहे कि मोदी ने गुजरात के दीसा में एक जनसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में अवरोध के लिए विपक्ष पर निशाना साधा था.
गौरतलब है कि मोदी ने डिसा में कहा था कि विपक्ष मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दे रहा, इसलिए मैंने जनसभा में बोलने का फैसला किया है. लेकिन जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं लोकसभा में 125 करोड़ देशवासियों की आवाज रखने की कोशिश करूँगा. उन्होंने यह भी कहा था कि नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में अवरोध पर राष्ट्रपति भी विपक्ष के आचरण से खुश नहीं हैं. विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा था कि जनता की समस्याओं को उठाने वालों को जनता को यह भी बताना चाहिए कि लोग को कतारों में खड़े न होकर मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करना चाहिए.