नई दिल्ली : मार पर मार… मार पर मार, भारत में लोगों का जीना लगातार मुश्किल हो रहा है. रेल यात्रियों पर तो सरकार की खास तौर पर टेढ़ी नज़र है, सुरेश प्रभु ट्विटर पर तो खूब भले बनते हैं लेकिन जेब काटने में पीछे नहीं रहते. अब केन्द्र सरकार एक बार फिर. रेलवे संसाधन जुटाने के नाम पर किरायों में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही है.
कई बार किराया बढ़ाने के बावजूद रेलवे की हालत सुधारने में नाकाम सुरेश प्रभु वित्त मंत्रालय के पास पहुंचे थे और रेल्वे के लिए विशेष सुरक्षा फंड बनाने की मांग कर रहे थे. जेरि अरुण जेटली ने ठुकरा दिया. सुरेश प्रभु चाहते थे कि ट्रैक को बेहतर करने, सिग्नल प्रणाली को बेहतर करने, मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करने और दूसरे अन्य सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए केन्द्र सरकार इनकम टैक्स पर सेस लगा दे.
इसके लिए रेल मंत्री प्रभु ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए विशेष राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष बनाने को 1,19,183 करोड़ रुपये मांगे थे. वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए रेलवे से कहा कि वह खुद संसाधन जुटाए. अब लालू यादव की तरह प्रभु को दूसरे तरीकों से पैसा जुटाना नहीं आता तो छुरी यात्रियों की गर्दन पर चलाने की तैयारी हो रही है. आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि एक साल के अंदर सबसे ज्यादा बार रेल किराया बढ़ाने का रिकॉर्ड सुरेश प्रभु के नाम है और रेल किराया बढ़ने के कारण लोगों ने 400 किलो मीटर तक की यात्रा को अपने वाहनों से और 1000 किलोमीटर तक की यात्रा को विमान से करना शुरू कर दिया है. ये दोनों ही माध्यम रेलवे से सस्ते पड़ने लगे हैं. अपने वाहन में रिजर्वेशन का झंझट भी नहीं होता.
हालांकि सूत्र कहते हैं कि वित्त मंत्रालय ने इस कोष का केवल 25 फीसदी उपलब्ध कराने की सहमति देने को तैयार हो गाया है लेकिन रेलवे के सामने 75 फीसदी की चुनौती है जिसे वो मुसाफिरों से ही पूरा करेगा.
दूसरी तरफ रेलमंत्रालय के अंदर एक धड़ा किराया बढ़ोतरी के पक्ष में नहीं है क्योंकि यात्रियों की बुकिंग घट रही है और एसी-2 और एसी-1 के किराये पहले ही काफी ऊंचे हैं. लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा राहत पैकेज देने से इनकार के बाद किराये में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं है. योजना के अनुसार स्लीपर, सेकेंड क्लास और एसी-3 के लिए उपकर अधिक होगा, वहीं एसी-2 और एसी-1 के लिए यह मामूली होगा. रेल किराये बढ़ोतरी पर अभी अंतिम फैसला किया जाना है. फिलहाल इसके तौर तरीकों पर काम किया जा रहा है.