नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी के फैसले के कारण परेशानी झेल रहे देश का ध्यान बंटाने के लिए अब सरकार की गलती को दूसरों के सिर मढ़ने की कवायद शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक सरकार के नज़दीकी मीडिया हाउसेज में ये खबर प्लांट करने की कोशिश हो रही है कि सारी गड़बड़ी बैंकों में चल रहे भ्रष्टाचार के कारण हुई. ये मीडिया हाउस तरह तरह की खबरें प्लांट कर रहे हैं. जनकार कहते हैं कि जिस तरह नोटों का अभाव सरकार ने पैदा किया था उससे तो नोटों की कालाबाज़ारी होनी ही थी. बैंकों में जिस शख्स के करोड़ों रुपये के अकाउंट हैं उसे कोई मैनेजर करंसी देने से इनकार कैसे कर सकता है. इनकार का मतलब है ग्राहक का नाराज़ होना और टारगेट कम होने पर मैनेजर की नौकरी पर बन आना.
अब सरकार ने जो ताज़ा खबर प्लांट कराई है वो है बैंकों में स्टिंग ऑपरेशन की. इस खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों में चल रही गड़बड़ियों को जांचने के लिए देश के बैंकों की करीब 500 शाखाओं का स्टिंग करवाया है. सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय में स्टिंग ऑपरेशन की करीब 400 सीडी पहुंच भी चुकी हैं. इन बैंकों में निजी और सरकारी दोनों बैंक की शाखाएं शामिल हैं.
इन खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सीडी में बैंक अधिकारियों, पुलिस, दलाल और जालसाजों की मिलीभगत से नोट बदले जाने के सबूत मिले हैं. सीडी में साफ पता चल रहा है कि बैंकों में पुलिस, दलाल और प्रभावशाली लोगों की सांठ-गांठ से कैसे पुराने नोट बदले जा रहे हैं.
खबरों में कहा जा रहा है कि बैंकों में हुई गड़बड़ी की जांच जारी है. करेंसी संकट में थोड़ा सुधार होने के बाद भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों की मानें तो कार्रवाई फिलहाल फरवरी या मार्च तक के लिए टाल दी गई है जिससे अभी कामकाज पर कोई असर न पड़े.
इस खबर को प्लांट कराने के दो मकसद हैं.1.लोगों के दिमाग में ये धारणा डालना कि बैंक बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर रहे हैं इसलिए लोगों को परेशानी हो रही है. 2. मोदी चौकस होकर इस समस्या का मुकाबला कर रहे हैं.
वित्त मंत्रालय में रहे एक पूर्व अफसर ने बताया कि सरकारें इस तरह के परसेप्शन मैनेजमेंट करती रहती हैं लेकिन इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला. सरकार के ज़मीन पर कुछ करके दिखाना होगा तभी लोगों में शांति होगी.