नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार को पता है कि 2000 रुपए के नोट से कालाधन बढ़ेगा. लेकिन फिर भी उसने 2000 का नोट निकाला. इसकी वजह थी 2000 के नोट छापने में आसानी. जितनी देर में 100 रुपये के 20 नोट छपेंगे उतनी देर में 2000 के नोट से 40000 रुपये छप जाएंगे. हालांकि सरकार के आर्थिक मामलों के सलाहकार और दक्षिणपंथी अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि ये नोट भी जल्द ही बंद हो जाएंगे. उनके हिसाब से 2000 रुपये के पुराने नोट 5 साल बाद बंद कर दिए जाएंगे.
गुरुमूर्ति ने कहा, 2000 रुपये के नये नोट अगले पांच साल में बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा, सरकार ने नोटबंदी से हो रही परेशानी से निबटने के लिए 2000 के नये नोट प्रचलन में लायी थी, लेकिन अगले पांच साल में ये नोट भी बंद हो जाएंगे. उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में सबसे बड़ी करेंसी 500 के नोट रहेंगे.
आजतक चैनल से बातचीत में आरएसएस के अर्थशास्त्री एस गुरुमूर्ति ने ये जानकारी दीय उन्होंने कहा कि बड़े नोटों का चलन तो बंद करना ही होगा.
जहां एक और आम जनता कैश को लेकर परेशान हो रही है, वहीं आरबीआई का कहना है कि देशभर के बैंकों और एटीएम में प्रयाप्त नोट उपलब्ध हैं और तेजी के साथ नये नोटों की छपाई भी की जा रही है. इस समय देश के अधिकतर एटीएम में 2000 के नोट आसानी से नजर आ जाते हैं, लेकिन 500 के नोट अभी तक मांग के अनुसार उपलब्ध नहीं हो पाये हैं. कालाधन और भ्रष्टाचार पर काबु पाने के लिए सरकार अब नोटबंदी के बाद देश को कैशलेश व्यवस्था की ओर ले जाने की तैयारी में है.