श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने हिज्बुल मजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के भाई के नाम पर घर वालों के लिए 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मंजूर की है. बुरहान और उसके भाई खालिद को सिक्युरिटी फोर्सेज ने इसी साल दो अलग एनकाउंटर में मार गिराया था. बहरहाल, सरकार ने इस बारे में फॉर्मल ऑर्डर एक हफ्ते बाद जारी करने का फैसला किया है, ताकि कोई एतराज हो तो इस दौरान दर्ज कराया जा सके. लेकिन इतना पक्का है कि इस फैसले से विवाद होगा. महबूबा कश्मीर में बीजेपी के समर्थन से सरकार चला रही हैं और बीजेपी की विचारधारा स्वीकार नहीं करती कि कोई सरकार आतंकवादियों को किसी भी आधार पर मदद करे.
मदद पाने वालों की लिस्ट में खालिद समेत 17 लोगों के नाम शामिल हैं
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलवामा के डिप्टी कमिश्नर ने सोमवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी. . नोटिफिकेशन में कहा गया है कि नियमों के तहत अनुग्रह राशि की मदद को डिस्ट्रिक्ट लेवल स्क्रीनिंग-कम-कंसल्टेटिव कमेटी (DLSCC) ने हरी झंडी दे दी है.. यह मुआवजा उन आम लोगों के घर वालों को दिया जाता है जो आतंकी वारदातों या फिर आतंकवादियों के खिलाफ की गई सेना की कार्रवाई में अपनी जान गंवाते हैं. . बुरहान वानी का भाई खालिद मुजफ्फर वानी समेत 17 लोगों के नाम इस लिस्ट में हैं जिनके घर वालों के लिए अनुग्रह राशि जारी की गई है. . खालिद पिछले साल 13 अप्रैल को त्राल के बुच्छू फॉरेस्ट एरिया में सिक्युरिटी फोर्सेज की फायरिंग में मारा गया था.
7 दिनों बाद जारी होगा फॉर्मल ऑर्डर. DLSCC की मीटिंग 24 नवंबर को पुलवामा के डिप्टी कमिश्नर मुनीर-उल-इस्लाम की चेयरमैनशिप में हुई थी.. नोटिफिकेशन के मुताबिक, 7 दिनों के अंदर अगर इस पर कोई एतराज सामने नहीं आता है तो इस बारे में फॉर्मल ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा.. नियमों के तहत ऐसे मामलों में 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि जारी की जाती है.
बुरहान की मौत के बाद से घाटी में अशांति. बुरहान वानी इस साल 8 जुलाई को साउथ कश्मीर के कोकेरनाग एरिया में एक एनकाउंटर में मारा गया था. . इसके बाद से ही घाटी में अशांति है और हिंसा के दौरान अब तक 86 लोग मारे जा चुके हैं. . बुरहान को पाकिस्तान ने शहीद का दर्जा दिया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था. भारत ने इस पर कड़ा एतराज जताया था.
आर्मी-लोकल्स का दावा अलग. आर्मी ने कहा था, खालिद मुजफ्फर वानी हिज्बुल का वर्कर था, जिसे एनकाउंटर में मारा गिराया गया.. जबकि लोकल लोगों ने दावा किया था कि खालिद का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था. . खालिद इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा था.
फैसले की आलोचना. जानकारों का कहना है कि यह सीधे तौर पर मुआवजे के नियमों का वॉयलेशन है. साथ ही, इसे सेना का मनोबल तोड़ने वाला फैसला भी बताया जा रहा है.. बीजेपी लीडर रवींद्र रैना ने कहा, ‘बुरहान वानी आतंकी था, हम उसे एक आतंकी ही मानते हैं.’