सिनेमाघरों में पिक्चर शुरू होने से पहले जनगणणन बजने लगा है और जो इसके बजने पर खड़ा नहीं होता उसे जेल जाना पड़ता है. जी हां ये हमारे देश में ही शुरू हो गया है वो भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद. इस नियम को न मानने वाले 20 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
दो हफ्ते पहले सुप्रीमकोर्ट ने ये आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर को कहा था कि सिनेमा घर में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाना जरूरी होगा. साथ ही कहा गया था कि उस दौरान खड़ा होना भी जरूरी होगा. सोमवार को केरल में हो रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान 12 लोगों को पकड़ा गया था. पुलिस ने कहा था कि उन लोगों को आयोजकों और पुलिस द्वारा खड़ा होने के लिए कहा गया था लेकिन वे नहीं माने.
उन लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया. उन लोगों को कुछ धाराएं लगाई गईं. उससे पहले रविवार को भी आठ लोग पड़के गए थे. खबर थी कि उन लोगों को राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने पर पीटा भी गया था.
उन लोगों पर राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. अगर वे दोषी पाए गए तो उन्हें तीन साल की जेल हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर तो दे दिया है लेकिन फिलहाल यह साफ नहीं किया गया है कि नियम तोड़ने वालों पर निगरानी कौन रखेगा और सजा कौन देगा. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर से पहले तक सिर्फ महाराष्ट्र के सिनेमा घरों में राष्ट्रगान जरूरी था.
वहीं 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलवाना होगा. इसके अलावा राष्ट्रगान के वक्त स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाना की जरूरी किया गया था. राष्ट्रगान के सम्मान में सभी दर्शकों को खड़ा होना होगा यह भी कहा गया था. राष्ट्रगान बजाने की जनहित याचिका श्याम नारायण चौकसे नाम के शख्स ने डाली थी. उन्होंने मांग की थी कि देशभर में सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए और इसे बजाने तथा सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में इसे गाने के संबंध में उचित नियम और प्रोटोकॉल तय होने चाहिए जहां संवैधानिक पदों पर बैठे लोग मौजूद होते हैं.