नई दिल्ली: नोटबंदी के जख्म पर अब महंगाई का नमक लगने जा रहा है. कल से दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम का तगड़ा झटका लग सकता है. इंटरनेशनल मार्केट में पिछले दो हफ्तों में कच्चा तेल के दाम 15 फीसदी चढ़े हैं, जिससे भारत में भी पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स महंगे होंगे. 2001 के बाद तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के सदस्यों के बीच पहली बार कच्चा तेल का प्रॉडक्शन घटाने पर सहमति बनी है. इसके अलावा नोटबंदी के बाद गिर रही रुपये की कीमत भी महंगाई का कारण बन सकती है.
विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल और डीजल के दाम में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है. कंपनियां 15 दिसंबर को तेल की कीमतों की समीक्षा करेंगी. जानकारों का कहना है कि सरकार दो बार में कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती है. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के चेयरमैन मुकेश सुराना ने बताया कि इंटरनैशनल मार्केट में कच्चा तेल के महंगा होने के बाद सभी ऑइल कंपनियों को फ्यूल की कीमत बढ़ानी पड़ेगी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह बढ़ोतरी कितनी होगी. सुराना ने ईटी से कहा, ‘भविष्य की कीमत का अंदाजा और दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखकर यह बढ़ोतरी की जाएगी. मैं यह नहीं बता सकता कि दाम में कितनी बढ़ोतरी होगी.’
भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. जून 2014 में कच्चा तेल की कीमत 115 डॉलर प्रति बैरल थी, जो इस साल फरवरी में 30 डॉलर रह गई थी. ऑइल के दाम में गिरावट से भारत को काफी फायदा हुआ है. इसकी कम कीमत से उसे महंगाई और करेंट अकाउंट डेफिसिट को कंट्रोल में रखने में मदद मिली है.
पिछले महीने ओपेक और रूस जैसे नॉन-मेंबर ऑइल प्रड्यूसर देशों के बीच कच्चा तेल का प्रॉडक्शन घटाने पर सहमति बनी थी. उसके बाद से ऑइल की कीमत बढ़ रही है. कच्चा तेल की भारतीय बास्केट का दाम सोमवार को 3,677.60 रुपये यानी 54.42 डॉलर प्रति बैरल हो गया था. पिछले 15 दिनों में यह अधिकतर समय 51 डॉलर से ऊपर बना रहा है, जबकि नवंबर में इसकी औसत कीमत 44.46 डॉलर थी.
एंबिट कैपिटल के ऐनालिस्ट रितेश गुप्ता ने बताया, ‘भारत में पेट्रोलियम प्रॉडक्ट की कीमत इंटरनैशनल मार्केट में कच्चा तेल के रेट के हिसाब से तय होती है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट के ट्रेंड को देखते हुए लगता है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है.’ उन्होंने कहा, ‘ऑइल मार्केटिंग कंपनियां एक बार या धीरे-धीरे यह बढ़ोतरी कर सकती हैं.’ केआर चोकसी के ऐनालिस्ट वैभव चौधरी ने कहा, ‘लोगों पर पहले ही नोटबंदी के चलते काफी दबाव है. मुझे नहीं लगता कि सरकार ऑइल कंपनियों को एक बार में इतनी बढ़ोतरी करने की इजाजत देगी. पहली बार में 3-4 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है. बाकी बढ़ोतरी धीरे-धीरे होगी या सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाकर कीमतों में बढ़ोतरी के असर को कम रख सकती है.’
2016-12-14