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कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने पार्टी दफ्तरों को काला धन छुपाने की आपाधापी में ‘अंडरग्राउंड बैंक’ में तब्दील कर दिया है. 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद शुरू हुए इस गोरखधंधे को आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम ने
बेनकाब किया है. इंडिया टुडे/आज तक के इस खुलासे का असर हुआ है. बीजेपी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी. बता दें कि नोटबंदी शुरू होने के बाद अवैध नोटों को जुगाड़ तंत्र के जरिए वैध बनाने वालों के खिलाफ आजतक/इंडिया टुडे ने मुहिम छेड़ रखी है.
काली कमाई को सफेद बनाने की इन अंधेरी गलियों में देश की कुछ प्रमुख पार्टियों के प्रतिनिधियों को देखना हैरान करने वाला था. ये सफेदपोश नेता अघोषित कमाई को कमीशन वसूल कर वैध नोटों में बदलने वाले एजेंट के तौर पर काम करने के लिए तैयार थे. ये लोग गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली में पार्टियों के दफ्तरों में बैठकर ही इस काम को अंजाम देने के लिए तत्पर दिखे.
विशेष जांच टीम के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने इस कड़ी में सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष वीरेंद्र जाटव का रुख किया. रिपोर्टर्स ने वीरेंद्र को अपना परिचय कारोबारियों के तौर पर दिया. रिपोर्टर्स ने जब काल्पनिक 10 करोड़ रुपए की रकम को नए नोटों में बदलवाने के लिए कहा तो वीरेंद्र ने बिना पलक झपकाए मोटी कमीशन की मांग की.
बीएसपी नेता ने कहा- ‘ये 35-40 फीसदी की कीमत पर बदला जाएगा. 40 फीसदी से कम कुछ भी नहीं.’ वीरेंद्र ने किसी भी तरह के मोलभाव से इनकार किया. साथ ही कैश में ही नए नोट देने का वादा किया. वीरेंद्र ने कहा- ‘ये एक हाथ दे, एक हाथ ले वाली बात होगी. पैसा कैश में ही दिया जाएगा.’ वीरेंद्र ने 10 करोड़ रुपए को गारंटी के साथ बदलने का वादा किया.
अंडर कवर रिपोटर्स को ऐसा ही कुछ अनुभव समाजवादी पार्टी की नोएडा यूनिट के सदस्य टीटू यादव के साथ हुआ. टीटू यादव ने भी इतनी ही कमीशन लेने की बात कही.
टीटू यादव- रेट 40 फीसदी होगा.
रिपोर्टर- आपका मतलब पुराने नोटों को बदलने का? सही है ना.
टीटू यादव- आपको नए मिलेंगे. हां, 40 फीसदी पर हाथों हाथ लो.
देश की राजधानी में भी कुछ नेता अवैध करेंसी के कारोबार के दलाल जैसे काम करते नजर आए. नई दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी के सदस्य तारिक सिद्दीकी तक अंडर कवर रिपोर्टर पहुंचे तो उन्होंने एक NGO से मिलवाने की बात कही जिसके जरिए अवैध पैसे को बदलवाया जा सकता है.
रिपोर्टर्स ने सिद्दीकी से एक करोड़ रुपए की काल्पनिक रकम को ब्लैक मार्केट के जरिए बदलवाने के लिए कहा तो जवाब मिला- ठीक है. मैं दूसरे चैनल भी देखूंगा लेकिन उनके बारे में अभी मैं पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं. वो व्यक्ति कह रहा था कि उसके पास हैं (नए नोट) और उससे संपर्क किया जा सकता है. अगर ऐसा हो सकता है तो आपको लाभ होगा.
आजतक/इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की दिल्ली ब्रांच के महासचिव रवि कुमार से संपर्क किया तो वे 30 फीसदी की कमीशन पर एक करोड़ रुपए को बदलने के लिए तैयार दिखे. उन्होंने तत्काल रकम बदलने का भरोसा देते हुए रकम का 70 फीसदी हिस्से का जिम्मेदार होने की बात कही. रकम का चेक में भुगतान होगा.
जब रवि कुमार से पूछा गया कि चेक से मिली रकम को खातों में कैसे दिखाया जाएगा तो रवि कुमार ने फर्जी PR (जनसंपर्क) कंपनी बनाने की बात कहते हुए कहा कि उसकी पार्टी की ओर से इस फर्जी कंपनी को हायर किया जाएगा. उसने कहा- हम चुनाव अभियान के लिए चिट्ठी जारी करेंगे. इसमें कहा जाएगा कि इस कंपनी को दिल्ली में अपने अभियान के लिए हायर किया है.
रवि कुमार के मुताबिक एक करोड़ के बदले 70 लाख रुपए की रकम को बाद में फर्जी कंपनी के खाते में भेज दिया जाएगा. ये रकम NCP की निगम चुनाव में जनसंपर्क मुहिम को चलाने की फीस के तौर पर दिखाई जाएगी. इसके बाद वह अंडर कवर रिपोर्टर्स को NCP की दिल्ली यूनिट के अध्यक्ष के पास ले गया. उसने रकम का भुगतान किश्तों में करने की पेशकश की.
उन्होंने कहा- बदले की रमक का भुगतान चेक में भी एकमुश्त नहीं होगा. ये किश्तों में होगा. इसके लिए काले फंड पर प्रतिबंध की वजह से होने वाली दिक्कतों का हवाला दिया. जनता दल यूनाईटेड के दिल्ली दफ्तर में स्थानीय उपाध्यक्ष सतीश सैनी से अंडर कवर रिपोर्टर्स ने संपर्क साधा तो उनका पहला सवाल था- ‘अधिकतम रकम बताओ.
रिपोर्टर- 10 करोड़ अधिकतम.
सैनी- ठीक है.
सैनी ने अपनी कमीशन 30 फीसदी बताई. साथ ही ये भी जताया कि मार्केट में 40 फीसदी का रेट चल रहा है. आखिरकार सैनी कमीशन पर कुछ ऊपर-नीचे करने पर सहमति जताई. सैनी ने कहा कि ये 30 से एक फीसदी नीचे-ऊपर हो सकता है.