राहुल गांधी के नये हमलों को लेकर बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है. पार्टी में सारे चैनल खोल दिए गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि मोदी के खिलाफ राहुल के पास क्या है. पार्टी के इस टेंशन क वजह है राहुल गांधी का कॉन्फिडेंश. जानकारों कहना है कि राहुल गांधी बेकार की लमतरानी नही करते . अगर वो कुछ कह रहे हैं तो ज़रूर होगा. राहुल गांधी के जगह अगर केजरीवाल होते तो शायद पार्टी में इतना टेंशन नहीं होता. एक तो राहुल गांधी को लोग बयानों के मामले में गंभीरता से लेते हैं और मानते हैं कि वो कोरी बकवास नहीं कर रहे होंगे.
चूंकि बीजेपी की आईटी सेल का इंटेलीजेंस सेट अप बहुत स्ट्रॉंग है इसलिए उसकी रिपोर्ट से जल्द ही पता चल जाता है कि किसी नेता के बयान का लोगों पर क्या असर पड़ा है .आईटी सेल की रिपोर्ट है कि राहुल के बयान लोग गंभीरता से ले रहे हैं और नोटबंदी से परेशान लोग वो बात बड़े मन से सुनते हैं जो नोटबंदी के खिलाफ हो.
उधर अशोका रोड और अकबर रोड के आपसी नेटवर्क भी काफी हॉट हो गए हैं. बीजेपी के नेता कांग्रेस के अंदरूनी लोगों से लगातार पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि माजरा क्या है. राहुल के नज़दीकी समझे जाने वाले अजय माकन से भी काफी कुछ उगलवाने की कोशिश हो रही है. उधर बीजेपी के नज़दीकी के पत्रकारों को भी कहा गया है कि वो अपने कांग्रेस बीट कवर करने वाले लोगों से फीडबैक लें.
पार्टी का मानना है कि एक बार पता चले कि राहुल क्या कहने वाले हैं तो ही उसका जवाब देने की तैयारी की जाए. कुछ लोग महेश शाह और अमित शाह के संबंधों के कयास लगा रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर राहुल गांधी के पास ऐसा क्या है कि वो बढ़चढ़ कर मोदी पर सीधे निजी हमले कर रहे हैं
जिन्होंने मिस कर दिया उन्हें बता दें कि .कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है. राहुल गांधी ने पीएम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मुझसे घबराए हुए हैं. मेरे पास उनके भ्रष्टाचार की निजी जानकारी है. पीएम डरकर लोकसभा में नहीं बोलने दे रहे.
राहुल ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि सरकार सदन में चर्चा नहीं चाहती है. हम चुनकर आए हैं. हमें सदन में बोलने दिया जाए. प्रधानमंत्री सदन में आएं और चर्चा में हिस्सा लें. बाद में जनता फैसला कर लेगी, कौन सच बोल रहा है. राहुल ने कहा, मेरे पास जो जानकारी है, उससे गुब्बारा फूट जाएगा. हम स्पीकर से अनुरोध करते हैं कि सारे नियम तोड़ दिए जाएं और पीएम जितना चाहें, उतना बोलें. उन्हें बहाने बनाने छोड़ने होंगे.
राहुल के साथ कई विपक्षी दल
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर ये आरोप लगाए. 12 सालों में पहली बार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी संसद भवन के 53 नंबर कमरे में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए. ये वो कमरा है, जहां संसद सत्र के दौरान सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी पीसी करते हैं. खास बात ये थी कि राहुल के साथ टीएमसी, सीपीएम, एनसीपी के नेता और बदरुद्दीन अजमल भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए. हालांकि, सपा-बसपा और जदयू का कोई नेता साथ नहीं दिखा, फिर भी राहुल ने दावा कि नोटबंदी के मुद्दे पर 16 विपक्षी पार्टियां एक साथ हैं.
राहुल के बोलते ही बाकी विरोधी पार्टियों के नेता भी सत्ता पक्ष पर हमलावर हुए. सभी ने एक सुर में कहा कि राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा. सीपीएम के करुणाकरण, टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय और एनसीपी के तारिक अनवर इस मुद्दे पर राहुल के साथ खड़े नजर आए. गौरतलब है कि पहले भी राहुल ये कह चुके हैं कि वो लोकसभा में बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा.