नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की छाती को ठंडक पहुंचाने वाली खबर दी है. सुप्रीमकोर्ट ने जो टिप्पणी की है उसके बाद आम आदमी पार्टी को राहत की मिली है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली एक संघ शाषित क्षेत्र है पर काम करने के लिए एक चुनी हुई सरकार के पास भी कुछ अधिकार होने चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को AAP सरकार की याचिका और उस पर केंद्र की दलीलों की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की . सुप्रीम कोर्ट ने AAP सरकार की शक्तियों पर हो रहे विवाद के जल्द निपटारे का आश्वासन भी दिया है. इस मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख तय की गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार की शक्तियों के मसले पर AAP सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था. हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को झटका देते हुए दिल्ली प्रशासन में एलजी की सर्वोच्चता को स्थापित किया था. AAP सरकार हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में चली गई.
दोनों पक्षों की दलीलों की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘आपके पास अधिकार हो सकते हैं और चुनी हुई सरकार के पास अधिकार होने ही चाहिए. अन्यथा सरकार काम करने में सक्षम ही नहीं हो पाएगी. इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान हैं.’
जस्टिस ए.के. सिकरी और अभय मनोहर सप्रे की बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार ने एक अहम प्रश्न उठाया है कि क्या एक चुनी हुई सरकार से शक्तियां वापस ली जा सकती हैं. बेंच ने कहा कि इस मामले के जल्द से जल्द निपटारे की जरूरत है ताकि विवाद खत्म किया जा सके.