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नई दिल्ली: नोटबंदी की गलतियों का एहसास अब मोदी सरकार को होने लगा है . लोगों के साथ हिटलर शाही सख्त रवैया अपना चुकी सरकार ने अब नरम दिखानी शुरू कर दी है. सरकार ने तीन बड़े ऐसे बयान दिए हैं जिनसे साफ दिखाई देने लगा है कि सरकार को गलती का एहसास है.
- सबसे पहले आपको बताते हैं सबसे बड़ा बयान जिसमें सरकार के रुख में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कैशलेस पेमेन्ट के तरीके सिर्फ समानांतर तरीका है वो नोटों का विकल्प नहीं हैं. दूसरे शब्दों में सरकार मानने लगी है कि नोटों का चलन चलता ही रहेगा और पूरी तरह कैशलेस होने की गलती भारी पड़ सकती है.
- दूसरा सबसे बड़ा बयान शक्तिकांत दास की तरफ से दास ने आज पत्रकारों से बातचीत में माना कि 2000 के नोट छापने की मेहनत बेकार जा रही है और वो सर्कुलेशन में नहीं आ रहे इसलिए सरकार अब ज्यादा से ज्यादा 500 के नोट छापने पर ध्यान देगी. मतलब साफ है कि सरकार को समझ में आ गया है कि नोट बाज़ार में होंगे तभी अर्थ व्यवस्था चलेगी और बड़े लोग बाज़ार में नहीं आते वो तिजोरियों की शोभा बढ़ाते हैं.
- सरकार अब लोगों से जोर जबरदस्ती करके हार चुकी है. सरकार को समझ में आ गया है कि कैशलेस करने के लिए लोगों को परेशान करना भारी पड़ रहा है और रोज कमाने खाने वाला वर्ग भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. कारोबारी भी सरकार के तेवर देखते हुए डिजिटल मोड में आने से डर रहे थे इसलिए सरकार ने उनके लिए इंसेंटिव का एलान किया है. नीति आयोग के सीईओ बताया कि आठ नवंबर से 13 अप्रैल तक बैंकों के जरिये हुए ट्रांजेक्शन के लिए सरकार मेगा प्राइज यानी बंपर पुरस्कार देगी. ये पुरस्कार रोजाना और साप्ताहिक ड्रॉ में दिये जाएंगे. अमिताभ कांत के मुताबिक 14 अप्रैल से पहले तक यानी 13 अप्रैल तक आम डिजी ग्राहकों के लिए एक करोड़, पचास लाख और पच्चीस लाख के नकद पुरस्कार दिये जाएंगे. इसके अलावा दुकानदारों और कारोबारियों के लिए भी इनाम का इंतजाम है. यानी उनको 50 लाख, 25 लाख और पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा.
हाल ही में शुरू की गई डिजीधन योजना के तहत व्यापारियों के लिए हर सप्ताह सात हजार पुरस्कार दिये जाएंगे. अधिकतम इनाम 50 हजार रुपये नकद का होगा. आम ग्राहकों के लिए साप्ताहिक पुरस्कार योजना होगी जिसमें एक लाख दस हजार और पांच हजार रुपये के नकद इनाम होंगे.