नोटबंदी से होने वाली तकलीफें बे इंतेहा हैं. जितने लोग हैं उतनी दर्द भरी कहानियां हैं. हर इनसान परेशान हैं खास तौर पर वो लोग परेशान हैं जो रोज कुआं खोदते हैं रोज़ पानी पीते हैं. यानी रोज़ कमाने खाने वाले. सरकार ने बिना किसी मुरव्वत के सबके पैसे अपने पास रख लिए हैं और लोगों को उनकी ज़रूरतों के लिए तड़पता छोड़ दिया है. किसी को डॉक्टर के पास जाना है लेकिन पैसे नहीं हैं. दवाओं की बिक्री तक 30 फीसदी रह गई है. नोट बंदी के इस माहौल की रोज़ हज़ारों रिपोर्ट अलग अलग मीडिया माध्यमों से आ रही हैं लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स अखबार की एक तस्वीर ने जैसे सारी रिपोर्टिंक को एक फ्रेम में बांध दिया.
अब ये तस्वीर जंगल की आग की तरह वायरल हो रही है. तस्वीर में एक बुजुर्ग रोते हुए दिख रहे हैं. बुजुर्ग की आंखों से उस वक्त आंसू निकल गए जब वे बैंक के बाहर लाइन में लगे हुए थे और उनकी जगह कोई और आकर खड़ा हो गया. यह तस्वीर गुरुग्राम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की न्यू कॉलोनी ब्रांच के बाहर की है. इस तस्वीर को हिंदुस्तान टाइम्स के फोटो जर्नलिस्ट प्रवीन कुमार ने अपने कैमरे में कैद किया है. अखबार में इस तस्वीर का कैप्शन दिया गया है, ‘उन्होंने कहा था कि केवल अमीर रोएंगे.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले का ऐलान करते हुए वक्त कहा था कि केवल कुछ दिन ही लोगों को दिक्कत होगी. लेकिन नोटबंदी के फैसले को गुरुवार को 36 दिन बीत गए, लेकिन अभी भी हालात सुधरते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. लोग बैंको और एटीएम की लाइनों में सुबह से शाम तक खड़े दिख रहे हैं. सरकार द्वारा एक हफ्ते में 24000 रुपए की सीमा तय की थी, लेकिन बैंकों से लोगों को केवल कुछ हजार रुपए ही मिल रहे हैं. वहीं कुछ बैंकों में कैश नहीं हैं. वहीं ज्यादात्तार एटीएम मशीनों में भी कैश नहीं है.
दिल को झंकझोर देने वाली इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्वीर के जरिए पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले पर निशाना साध रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने(पीएम मोदी) तो कहा था कि केवल अमीर लोग या भ्रष्ट ही रोएंगे. लेकिन यहां तो एक लाचार बुजुर्ग की आंखों से आंसू आ रहे हैं. आफरीन सिद्दिकी ने फेसबुक पर लिखा है, ‘पीएम मोदी और भाजपा ने गरीब लोगों को यह दिया है. यह दिल तोड़ देने वाली तस्वीर है.’
वहीं शिव प्रसाद नाम के यूजर ने लिखा है, ‘यह हमारे सरकार के फैसले हैं, जिससे पूरा सिस्टम ही खराब हो गया है. भारत में अमीर लोग हर एक स्थिति में मैनेज कर लेते हैं लेकिन गरीब लोग और पैंशन पाने लोग नहीं, जो कि अपने घरों से निकल भी नहीं सकते. अब उन्होंने पेंशन के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. यह हमारे नेताओं की सोच है. हम लोग महान देश में रह रहे हैं, लेकिन महान नेताओं के नेतृत्व में नहीं.’