रांची: झारखंड के जुगसलाई नया बाजार की रहने वाली सुनीता नाम की महिला शुक्रवार (16 दिसंबर) को एक अजीब प्रस्ताव लेकर प्रस्ताव लेकर उपायुक्त कार्यालय (डीसी ऑफिस) पहुंच गई . जब उसने प्रस्ताव डीसी के सामन रखा तो सभी का मुंह खुला रह गया. कुली की पत्नी सुनीता ने बताया कि उसकी 94 फीसदी नंबर लाने वाली बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. सुनीता ने कहा कि वो अपनी बेटी के इलाज के लिए किडनी बेचना चाहती है. ये हाल उस देश का का है जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर अरबों रुपये विज्ञापन में खर्च हो रहे हैं और नेताओं की इमेज चमकाई जा रही है.
सुनीता की बेटी शैली 10वीं में 89 प्रतिशत व 12वीं 94 फीसदी अंक ला चुकी है. उसने बताया कि शैली भुवनेश्वर के एक कॉलेज में कंप्यूटर साइंस पढ़ती. कॉलेज की परीक्षा में उसके 8.68 सीजीपीए आए थे. सुनीता के मुताबिक, समाज के लोगों की मदद से उसका दाखिला तो हो गया लेकिन अब आगे की पढ़ाई में और फीस जमा करवाने में दिक्कत आ रही है. सुनीते ने डीसी को बताया कि दिक्कत पिछले दो सालों से जस की तस बनी हुई है. आमदनी कहीं से भी हो नहीं रही है.
अब डिप्टी कमिश्नर साहब किडनी तो बिकवा नहीं सकते थे, उन्होंने इतना ज़रूरी कहा कि वो किसी बैंक से बच्ची के लिए एजुकेशन लोन दिलवा देंगे . डीसी ने अफसरों से कहा वे दो-तीन दिनों के अंदर रास्ता हर हाल में निकालें.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, सुनीता ने कहा, ‘2014 से मैं सांसद, विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों के पास मदद की गुहार लगा रही हूं, पर अबतक मदद नहीं मिली. दो वर्षों से बेटी ने कॉलेज की फीस जमा नहीं की है. करीब 2.77 लाख रुपए फीस का बकाया है. अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं है. मैं किडनी बेचना चाहती हूं. लेकिन इसके लिए कहां जाऊं? जो बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्च दे दे. इसलिए आपके पास आई हूं, मुझे किडनी खरीदने वाले से मिलवाइए.