नई दिल्ली: ईमानदार और स्वच्छ राजनीति का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पिछले एक साल में सिर्फ 76 करोड़ रुपये चंदा व्हाइट मनी में लिया है. जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक पार्टियों को 20 हज़ार रुपये से ज्यादा चंदा देने वाले लोगों की सूची देन होती है. बीजेपी को इस कैटेगरी में चंदा देने वाले लोग कुल 613 हैं. यानी भारतीय जनता पार्टी जितनी बड़ी पार्टी सिर्फ 613 लोगों के 76 करोड़ के चदे से चलती है.
पूरे आंकड़े देखे जाएं तो देश की 7 प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20,000 रुपये से अधिक की सीमा में 102 करोड़ का चंदा मिला है. यह रकम 1,744 चंदे से मिली है, जिसमें सबसे अधिक चंदा बीजेपी को मिला है. भाजपा को 613 दानदाताओं ने कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है.
ADR से मिली जानकारी
असोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, भाजपा को चंदे में मिली रकम कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस को मिले चंदे से तीन गुना ज्यादा है. कांग्रेस को भाजपा के बाद सबसे अधिक 20 करोड़ रुपये चंदे में मिले हैं जो उन्हें 918 लोगों से मिले हैं. पार्टियों ने चुनाव आयोग को चंदे का ब्यौरा सौंपा है.
कांग्रेस-भाजपा ने आयकर रिटर्न दबा गए
कांग्रेस और भाजपा ने अपने आयकर रिटर्न की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है इसलिए 20,000 रुपये से कम की सीमा में कितना चंदा इन्हें प्राप्त हुआ है, यह जानकारी नहीं मिल सकी है. बसपा ने यह घोषणा की है कि उसे 2015-16 के बीच 20,000 से नीचे का चंदा नहीं मिला है. वहीं, रोचक बात यह है कि 2014-15 की तुलना में पार्टियों को मिले चंदे में 528 करोड़ रुपये की कमी हुई है, यानी चंदे में 84 प्रतिशत की गिरावट आई है.
एनसीपी को मिले चंदे में कमी
एनसीपी को मिले चंदे में 98 प्रतिशत की कमी हुई है, उसे इस बार सिर्फ 71 लाख का ही चंदा मिला है. जबकि भाजपा को मिला चंदा 2014-15 की तुलना में 82 प्रतिशत कम है. भाजपा को मिले चंदे में 2013-14 और 2014-15 में 156 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी और कांग्रेस को मिले चंदे में उसी अवधि में 137 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.
तेजस्वी – राजनीतिक दलों के चंदे हों सार्वजनिक
कांग्रेस को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1.17 करोड़ु रुपये, सीपीआई को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 22.22 लाख रुपये और बीजेपी को सिर्फ बिहार से 51,000 रुपये दान मिला है. सभी राज्यों में सबसे अधिक दान कर्नाटक के डोनर्स ने किया जिन्होंने 80 लाख रुपये भेजे हैं, इसके बाद मेघालय का स्थान है जहां के डोनर्स ने 21.54 लाख रुपये भेजे हैं. दोनों राज्यों का चंदा कांग्रेस को मिला है.