नई दिल्ली: आज पीएम मोदी ने वाराणसी में रैली की . भाषण भी हुआ और तालियां भी. नमो नमो के नारे भी लगे. लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी थीं जो मोदी ने नहीं बोलीं. आपको बताते हैं कि कौनसे जवाब हैं जिन्हें मोदी ने घुमा दिया..
राहुल का आरोप
मोदी ने सहारा और बिड़ला से मुख्यमंत्री रहते हुए पैसे लिए. ये करप्शन का मामला है. (मोदी को जवाब देना चाहिए था कि इन आरोपो में कितनी सच्चाई है लेकिन उन्होंने जवाब कुछ और दिया)
मोदी का जवाब
जबसे युवा नेता ने बोलना सीखा और बोलाना शुरू किया है मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. 2009 में पता ही नहीं चलता था कि इस पैकेट में क्या है. अब पता चला है. अगर वह न बोलते तो भूकंप आ जाता. देश को इतना बड़ा भूकंप झेलना पड़ता कि 10 साल तक भी देश नहीं उभर पाता. अच्छा है उन्होंने बोलना शुरू किया है. अब ‘भूकंप’ का कोई चांस नहीं है.
राहुल का आरोप
जिस देश में 60 फीसदी लोग अनपढ़ हों वहां 60 प्रतिशत लोग अनपढ़ हों वहां पीएम मोदी ऑनलाइन बैंकिंग की बात कैसे कर सकते हैं. (मोदी को बताना चाहिए था कि कैसे वो इस आबादी को जोड़ेंगे)
मोदी का जवाब
क्या मैंने कोई जादू टोना किया है जो कोई अनपढ़ हो गया. ये क्या कर रहे हैं उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है. अनपढ़ जनता किसकी देन है. अगर जनता अगर अनपढ़ है भले ही किसी की वजह से हो तो उसे डिजीटल के तंत्र में धकेलना क्या ठीक है, मोदी ने मज़ाक में उस बात को उड़ा दिया
राहुल ने बुधवार को प्रधानमंत्री के गृह राज्य में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि आईटी के रिकॉर्ड में सहारा अधिकारियों की नोटिंग में यह दावा किया गया है कि अक्तूबर 2013 से फरवरी 2014 के बीच उन्होंने मोदी को नौ बार भुगतान किया. राहुल ने कहा कि इस बारे में दस्तावेज आईटी विभाग के पास है, जिसने कंपनी पर उस समय छापा मारा था जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
(मोदी ने इसका कोई जवाब नहीं दिया)