नई दिल्ली: नोटबंद कर डिजिटल भुगतान लागू करने के मामले में भी आखिर मोदी सरकार ने हार मान ली है? अब कहा जा सकता है कि नोटबंदी का मोदी का प्लान पूरी तरह फेल हो चुका है?
नोटबंदी का एलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि इससे काला धन बाहर आएगा लेकिन बैंकों में सारी करंसी जमा हो गई. दूसरी बात मोदी ने जाली नोटों पर रोक लगाने की कही थी अब खुद सरकार का नीति आयोग कह रहा है कि सारे नकली नोट सरकार ने स्वीकार कर लिए हैं और वो असली धन बन चुके हैं.
लगता है डिजिटल करंसी के मामले में आखिर मोदी सरकार हार मान चुकी है और जल्दी से जल्दी एटीएम में नोट भरने की तैयारी कर रही है. ताकि झंझट खत्म हो. ताज़ा खबर है कि अब रोज़ाना 1 करोड़ 500 के नोट छापे जा रहे हैं ताकि सबके पास मुद्रा पहुंच जाए.
नासिक की करेंसी प्रिटिंग प्रेस में 500 रुपये के नए नोटों की छपाई का काम तीन गुणा तेजी से किया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक नासिक स्थित करेंसी नोट प्रेस ने 500 रुपये के नए नोटों के प्रिटिंग के काम की रफ्तार तीन गुणा बढ़ा दी है.
बीते शुक्रवार (23 दिसंबर 2016) को प्रेस ने कुल 4 करोड़ 30 लाख नोट आरबीआई को भेजे. इनमें 1 करोड़ 10 लाख के 500 रुपये की नई करेंसी के नोट थे. साथ ही 1 करोड़ 20 लाख के 100 रुपये के करेंसी नोट और 1-1 करोड़ के 50 और 20 रुपये के करेंसी के नोट थे.
खबर के मुताबिक बीते नवंबर महीने के मध्य से ही, करेंसी प्रिटिंग प्रेस रोजाना 1 करोड़ से ज्यादा के 500 रुपये के नए करेंसी नोट छापने का काम कर रही है.
प्रेस रोजाना लगभग 1 करोड़ 90 लाख करेंसी नोट छाप रहा है जिनमें 500 रुपये के नोटों के साथ-साथ 100, 50, और 20 रुपये के करेंसी नोट छापे जा रहे हैं.
वहीं 2000 रुपये के नए नोट नासिक प्रेस में नहीं छपते. नोटबंदी के बाद प्रेस ने 11 नवंबर 2016 को 500 रुपये के सिर्फ 50 लाख नए नोट ही भेजे थे.
बीते 43 दिनों में प्रेस ने कुल 82 करोड़ से ज्यादा के नोट आरबीआई को भेजे हैं जिनमें कई डिनोमिनेशन्स के नोट शामिल हैं और इनमें से 20 करोड़ से ज्यादा के नोट 500 रुपये के थे.
वहीं बीते 3 दिनों में प्रेस ने 3 करोड़ से ज्यादा के 500 रुपये के नए नोट भेजे हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि नासिक प्रेस 31 जनवरी तक 80 करोड़ और नए नोट आरबीआई को भेजेगी जिसमें से आधे 500 रुपये की डिनोमिनेशन के होंगे. देश में करेंसी नोटों की छपाई के लिए सिर्फ 4 ही प्रेस मौजूद हैं.
इनमें से एक प्रेस कर्नाटक, 1 बंगाल में है. वहीं बाकी की 1-1 प्रेस नासिक और मध्यप्रदेश के देवास में है.नासिक प्रेस में काम की तेजी कम न हो इसी के चलते संडे की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं और कई बार एक शिफ्ट 11 घंटे तक काम किया जा रहा है.