नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद आई अंधाधुंध रकम को अब मुनाफे में बदलने का काम शुरू हो गया है. बैंकों ने ब्याज़ दर बढ़ा दी है ताकि जनता का जमा पैसा ब्याज़ पर चढ़ाकर मुनाफा बनाया जा सके. शुरुआत के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और सरकारी क्षेत्र के दो अन्य बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) ने कर्ज की सामान्य दरों में 0.9 परसेंट तक की कटौती की घोषणा की है.
एसबीआई ने एक बयान में बताया कि उसके एक साल की अंतराल वाले लोन की सीमान्त कोष लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) 8.90 से घटाकर 8 परसेंट की गई है. इसी प्रकार एक माह, तीन माह और छह माह की अंतराल के लोन के लिए भी ब्याज दरों में कटौती की गई है
बैंक ने दो साल और तीन साल की अंतराल के लिए एमसीएलआर घटाकर क्रमश: 8.10 परसेंट और 8.15 परसेंट कर दिया है. सभी ब्याज दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं. इसी के साथ पीएनबी और यूबीआई ने भी अपनी मानक दरों में 0.9 परसेंट तक की कटौती की है. पीएनबी ने एक वर्ष की अंतराल वाले लोन के लिए एमसीएलआर 0.7 परसेंट घटाकर 8.45 परसेंट कर दिया है.
इसी प्रकार तीन वर्ष की अंतराल के लिए यह 8.60 परसेंट और पांच वर्ष की अंतराल के लिए 8.75 परसेंट किया गया है.
यूबीआई ने एमसीएलआर में 0.65 से 0.90 परसेंट की कटौती की है. एक वर्ष की अंतराल के लिए एमसीएलआर को घटाकर 8.65 परसेंट किया गया है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट कर बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की घोषणा का स्वागत किया है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 31 दिसंबर को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में बैंकों से गरीबों तथा मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने को कहा था. मोदी ने कहा था, ‘बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे कहूंगा कि वे अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से आगे बढ़ते हुए गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग पर ध्यान दें.’
पिछले सप्ताह एसबीआई के सहायक बैंक स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर ने लोन दरों में कटौती की थी. वहीं आईडीबीआई बैंक ने भी इसमें 0.6 परसेंट तक की कटौती की थी.