नई दिल्ली: जाते जाते राष्ट्रपति ओबामा ने जो भाषण दिया वो था तो अमेरिका के लिए लेकिन उसमें भारत के लिए कई गंभीर संदेश थे. ओबामा ने जो कुछ अमेरिका के लिए कहा उसकी ज़रूरत भारत के लिए ज्यादा है. अपने विदाई भाषण में बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका को सहिष्णु बनना हिए. उन्होंने कहा कि मैं अमेरिकी मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव का जबरदस्त विरोध करता हूं.
ओबामा ने अपने भाषण में कहा कि दो धर्मों और जातियों के बीच भेदभाव लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. नस्लीय भेदभाव का विरोध करना चाहिए.
ओबामा ने कहा कि पिछले दशकों में लगातार नस्लीय रिश्ते बेहदर हुए हैं. और आगे और बेहतर होंगे.
एकता में शक्ति है
ओबामा ने लोकतंत्र को ही अमेरिका की ताकत बताया. उन्होंने कहा कि, ‘आज चीन और रूस जैसे देश क्यों दुनिया में अमेरिका की जगह नहीं ले पाते? क्योंकि हमारा लोकतंत्र ही हमारी ताकत है. ऑरलैंडो और बोस्टन में हुए हमले हमें यह बताते हैं कि धार्मिक कट्टरता कितनी खतरनाक हो सकती है. लोगों के दिल बदलने चाहिए सिर्फ कानून काफी नहीं है.’
ओबामा ने कहा, ‘लोकतंत्र की बुनियादी जरूरत एकजुटता है, ताकि हम सभी एक साथ ऊपर उठें या नीचे जाएं. दुनिया भर के लोग द दिनों में अमेरिकी लोकतंत्र का नमूना देखेंगे जब एक राष्ट्रपति दूसरे को शांतिपूर्वक तरीके से सत्ता सौंपेगा. मैंने ट्रंप से वादा किया था कि मेरा प्रशासन बेहद सुचारु तौर पर आपको सत्ता सौंपेगा.’
‘मुस्लिमों के साथ भेदभाव नहीं किया’
ट्रंप का नाम लिए बिना ओबामा ने अपने भाषण में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पर निशाना साधा. ओबामा ने कहा ‘अमेरिका में नस्लवाद व्यवहारिक नहीं है. हमने बीते आठ सालों में कभी भी मुस्लिमों के साथ भेदभाव नहीं किया. असल में हमें जागरूक होने की जरूरत है न कि किसी समुदाय से डरने की.’
आतंकवाद पर हमला
ओबामा ने कहा कि जल्द ही आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का खात्मा होगा. वह बोले, ‘बीते आठ सालों में कोई भी विदेशी आतंकवादी संगठन अमेरिकी धरती पर हमला नहीं कर सका है. हमने हजारों आतंकवादियों को मार गिराया है, जिसमें ओसामा बिन लादेन भी शामिल है. अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वालों को सुरक्षित नहीं रहने दिया जाएगा.’
अपने आखिरी भाषण में ओबामा ने पत्नी मिशेल और बेटियों का जिक्र किया तो वह रो पड़े. ओबामा ने कहा, ‘बीते 25 सालों से तुम सिर्फ मेरी बीवी और मेरे बच्चों की मां नहीं बल्कि मेरी बेस्ट फ्रेंड बनी. तुमने मुझे गर्व महसूस कराया तुमने देश को गर्व महसूस कराया.’ मालिया और साशा का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा, ‘ मैंने जिंदगी में जो भी किया लेकिन सबसे ज्यादा गर्व तुम दोनों के पिता होने का है.’
भेदभाव पर निशाना
ओबामा ने बिना नाम लिए ट्रंप पर भी निशाना साधा. ओबामा बोले, ‘हमें शिक्षा, स्वास्थ्य वगैरह से भेदभाव खत्म करना होगा. यही हमारा संविधान है. नस्लीय भेदभाव समाज के लिए हमेशा विभाजनकारी साबित होता है.’ ओबामा ने लोगों से सहिष्णु होने का आग्रह किया और कहा, ‘हम ऐसे ही एक-दूसरे पर वार करते रहेंगे अगर हम यह समझ नहीं पाएंगे कि हमारा विपक्षी भी सही बोल सकता है.’ बता दें कि डॉनल्ड ट्रंप अपने चुनाव अभियान से लेकर अब तक प्रवासियों और खासतौर पर मुस्लिमों को निशाने पर लेते रहे हैं.
ओबामा ने कहा, ‘हमें अमेरिका में रह रहे प्रवासियों के बच्चों पर निवेश करना होगा क्योंकि ये अश्वेत बच्चे आने वाले दिनों में हमारी वर्कफोर्स का हिस्सा बनेंगे.’