नई दिल्ली: मोदी मे मनचाहे प्रोजेक्ट नीति आयोग पर अब खुद आरएसएस की तरफ से ही सवाल उठने लगे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सबसे प्रमुख संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने सीधे आरोप लगाया है कि देश के विकास की बेहतर नीतियां बनाने के बजाय नीति आयोग सिर्फ विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का नौकर बनकर रह गया है.
स्वदेशी जागरण मंच हाल ही में आयोग के हाल के फैसलो के कारण काफी गुस्से में है जिसमें जेनिटक तरीके से फसल को मॉडीफाई करने को इजाजत दी गई है. ओर जीएम एग्रीकल्चर भी शामिल है.
संगठन ने यह दावा भी किया कि नीति आयोग को देश के किसानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वहीं कार्यकर्ता वंदना शिवा ने कहा कि नीति आयोग सिर्फ नाम के लिए नीति आयोग रह गया है.
उन्होंने कहा, “इसका नाम नीति आयोग है जिसका पूरा नाम “नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया” है. पीएम को ऐसे नाम काफी पसंद आते हैं लेकिन अगर नाम के बजाए काम पर ध्यान दिया जाए तो कुछ बेहतर हो सकता है.
आयोग ऐसे काम कर रहा है जैसे कुछ किशोर बच्चे प्राचीन ज्ञान या प्राचीन सभ्यताओं के ज्ञान साथ कोई खेल खेल रहे हों.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे यह बात सोच कर डर लगता है कि नीति आयोग सिर्फ कुछ लॉबी ग्रुप्स के लिए अपना काम निकालने का जरिया बन चुका है”
गौरतलब है कि 10 जनवरी 2017 को हुई इस बैठक में सभी एक्सपर्ट्स ने आयोग के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े करे. बैठक में आयोग द्वारा स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के लिए बनाई गई नीतियों को नाकाम करार दिया और उसके पूरे दो साल के कार्यकाल की यह कहते हुए आलोचना की कि थिंक-टैंक्स का यह आयोग अपने कामकाज को लेकर कंफ्यूज्ड है.