नई दिल्ली: जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं. वैसे वैसे बीजेपी के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी हो जाती है. जाटों और 35 खापों के नेताओं ने पंचायत सभा आयोजित करके कहा है कि इस बार जाट समुदाय मोदी को हराने के लिए वोट करेगा. पिछले चुनाव में इन खापों ने एकमुश्त वोट देकर टैक्टिकल वोटिंग की थी. ये सभा 8 जनवरी 2017 को उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए लगभग 35 खाप नेताओं की मोजूदगी में मुजफ्फरनगर के खराड़ में आयोजित की गई. सभा जाट आरक्षण समिति द्वारा आयोजित कराई गई थी.
सभा में खाप नेताओं ने मोदी सरकार के कार्यकाल की कड़ी आलोचना की और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देने का ऐलान किया. सभा में जाट आरक्षण, किसान कर्ज, फसल का उचित न्यूनतम मूल्य, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, नोटबंदी से रबी फसल की बुआई में हुई देरी समेत कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की गई. खाप नेताओं ने ऐलान किया कि इस बार यूपी के चुनाव में जाट समुदाय बीजेपी को हराने के लिए वोट करेंगे.
चौधरी सुभाष बालियान सर्व खाप के महामंत्री हैं जिसमें यूपी और हरियाणा की लगभग 365 खाप पंचायत आती हैं. उन्होंने कहा “मोदी सरकार को लेकर जाटों में काफी गुस्सा है, इन्होंने जाटों को आरक्षण नहीं दिया और न ही अपने किसी विकास के वादे को पूरा किया. इस सरकार पर भरोसा कर वोट दिया था लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा.” बालियान ने आगे कहा, “मुजफ्फरनगर दंगों ने बीजेपी को फायदा पहुंचाया लेकिन इसका अंजाम हमें भुगतना पड़ रहा है. हमारे बच्चे जेलों में बंद हैं. बीजेपी चाहती है कि हम बस बेवजह मुसलमानों से लड़ते रहें”
वहीं एक और खाप नेता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा, “न सिर्फ जाट बल्कि पूरा किसान समुदाय इस सरकार की वजह से सभी किसान परेशान हैं. हमारे साथ धोखा हुआ है, हमे उम्मीद थी कि गन्ना फसल के अच्छे दाम मिलेंगे लेकिन हमारी फसल का सही मूल्य ही नहीं मिल पा रहा है अभी. नोटबंदी ने किसानों की कमर तोड़ दी है इस सरकार को किसान की परेशानी से कोई मतलब नहीं”. इसके अलावा एक और खाप नेता चौधरी जीतेंद्र सिंह हु़ड्डा ने कहा कि इस बार के चुनाव में मुसलमान और जाट एकसाथ है और बीजेपी को अच्छा सबक सिखाया जाएगा.