नई दिल्ली: अगर आपने विमुद्रीकरण के आखिरी दिनों में पुराने नोट अकाउंट में जमा किए हैं या इन दस दिनों में लोन चुकता किया है तो हो सकता है सरकार आपके घर अपना आदमी भेज दे. या फिर एक नोटिस आ जाए. सरकार ने विमुद्रीकरण के बाद संदिग्ध लेन-देन की जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इसके तहत बड़ी राशि के प्रतिबंधित नोटों को बैंकों में जमा करने की समयसीमा के अंतिम 10 दिनों में नए खातों में जमा और लोन लौटाए जाने का विश्लेषण शुरू किया गया है. आयात के लिए एडवांस धन देने के मामलों का विश्लेषण शुरू किया गया है.
नवंबर में 500 और 1हज़ार रुपये के नोटों पर पाबंदी के बाद बैंकों और डाकघरों में 50 दिन की अवधि में जमा की गई राशि के विश्लेषण के बाद प्राधिकरण अब मियादी जमा और ऋण खातों की जांच कर रहा है जो 8 नवंबर को विमुद्रीकरण के बाद खोले गए. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘आयकर विभाग बिना पैन कार्ड की डिटेल दिए 50हज़ाररुरपये से अधिक की नकद जमा के मामलों में एक्शन कर रहा है.’
उसने कहा, ‘आयकर विभाग प्रत्येक व्यक्ति की पहचान के लिए उपलब्ध साधनों और सोर्स का उपयोग कर रहा है और उसे भरोसा है कि कर आधार में विस्तार होगा और प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.’ वैसे लोगों पर नजर रखी जा रही है, जिन्होंने विमुद्रीकरण योजना के अंतिम 10 दिनों में नकद राशि जमा की, ई-वालेट में धन डाले, आयात आदि के लिए एडवांस भुगतान किए.
इसके अलावा आरटीजीएस और अन्य साधनों से विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई राशि पर भी नजर है और इस बारे में प्राप्त तथ्यों को संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, ‘विमुद्रीकरण के दौरान नए खाते खोलकर नकद जमा और दूसरे खातों से भेजे गए धन, मियादी जमा और लोन खातों समेत का विश्लेषण किया जा रहा है. आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसे अन्य विभाग विश्लेषण के आधार पर एक्शन कर रहे हैं.’
2017-01-22