नई दिल्लीः बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही देश की आर्थिक हालत का ब्यौरा सामने आ गया है. जो आकड़े सरकार ने देश के सामने रखे हैं उनसे साफ है कि आने वाले वित्त वर्ष में देश की विकास दर सात फीसदी से भी नीचे जा सकती है. सर्वे में 6.75-7.50 फीसदी के बीच रहने का अनुमान दिया गया है. आर्थिक सर्वे के आधार पर बजट के प्रस्तावों को तैयार किया जाता है आर्थिक सर्वे के ये 5 बड़ी बातें सामने आई हैं.
खेती पर बुरा असर
अरुण जेटली ने नोटबंदी के बाद कृषि सेक्टर पर आए असर की समीक्षा करने की बात कही है. मतलब साफ है कि नोटबंदी से देश की खेती बरबाद हुई. नोटबंदी के बाद किसानों को बीज और उर्वरक खरीदने में दिकक्तों का सामना करना पड़ा था. कृषि में अच्छी वृद्धि हो रही है लेकिन नोटबंदी के असर के बाद कृषि क्षेत्र की विकास का अध्ययन किया जाएगा. ये देखना होगा कि अगले साल मानसून का अर्थव्यवस्था पर क्या असर आता है
रियल एस्टेट में और गिरावट
आर्थिक सर्वे में वित्त मंत्री ने रियल एस्टेट सेक्टर के दाम और गिरने का अनुमान दिया है. आगे चलकर रियल स्टेट की कीमतों में गिरावट आएगी. यानी जिन लोगों ने रियल स्टेट में पैसे लगाए हुए हैं उनकी बरबादी के दिन आने वाले हैं. नोटबंदी के बाद रियल स्टेट बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसमें सुधार के लिए किफायती आवास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में बढ़ेंगे ईंधन के दाम
कच्चे तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाते हैं तो वैश्विक तेल के दाम बढ़ सकते हैं. वैश्विक दृष्टिकोण से अगर कच्चे तेल की कीमत 65 से ऊपर चली जाती है, तो हमारी अर्थव्यवस्था पर भी इसका उल्टा असर देखा जाएगा.
कैश की दिक्कत का हो जाएगा समाधान
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी की समस्या अप्रैल 2017 तक खत्म हो जाएगी. हालांकि सरकार कैसे करेगी इसका पता बजट से ही चलेग
वित्त वर्ष 2017-2018 में नौकरियां बढ़ेंगी
वित्त वर्ष 2017-2018 में देश में श्रम और रोजगार में बढ़ोतरी होगी जिससे ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी. लेकिन मंदी के दौर में नौकरियां कैसे बढेंगी ये सरकार नही बता सकी.