नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में चिकनी चुपड़ी बातें तो कीं लेकिन ज़हर बुझी कटारी छिपा ली. आपको बता दें कि रक्षा बजट में वित्तमंत्री ने कई ऐसे प्रावधान किए हैं जो जनता पर भारी पड़ सकते हैं.लेकिन वित्त मंत्री ने ये बातें संसद में अपने बजट भाषण में नहीं पढ़ीं. ये बातें जेटली ने सिर्फ बजट में लिखकर संसद के सामने रख दीं. आपको बताते हैं कि जेटली ने कौनसे बम जनता पर गिराए.
पहला बम-
अगर आप 50,000 रुपये से अधिक का किराया देते हैं तो पांच फीसदी का आयकर काट (टीडीएस) कर किराया देना होगा. इस तरह के भुगतान आम लोगों को करने होंगे इसलिए उन्हें टैन (टीडीएस आइडेंटिफिकेशन) नंबर लेने की जरुरत नहीं होगी और उन्हें यह टीडीएस पूरे साल के किराये पर एक बार काटना होगा. मकान मालिक को इस टीडीएस का लाभ अपनी आय में मिल जाएगा.
दूसरा बाम-
तीन लाख से ऊपर के नकद भुगतानों पर पाबंदी लगाने का प्रावधान आ गया है. वित्त विधेयक के अनुसार सीमा एक व्यक्ति पर एक दिन में कुल तीन लाख रुपये से अधिक के भुगतान नहीं कर सके. एक भुगतान तीन लाख रुपये से अधिक का नहीं होगा और किसी एक मद में तीन लाख रुपये से अधिक का भुगतान नहीं हो सकेगा.
यह नियम बैंकों, पोस्ट ऑफिस, कोऑपरेटिव और अन्य निर्धारित संस्थाओं व एजेंसियों पर लागू नहीं होगा. आयकर कानून में जोड़ी जा रही नई धारा (271 डीए) के तरह नियम तोड़ने वाले भुगतान की निर्धारित सीमा से अधिक राशि के बराबर का जुर्माना लगेगा. हालांकि उन लोगों को जुर्माना नहीं देना होगा जो इस नियम को तोड़ने का उचित कारण सबित कर सकेंगे.
अर्थात जुर्माना तय करने का अधिकार इनकम टैक्स के ज्वा्इंट कमिश्नर के हाथ में होगा जो कि इंस्पेक्टर राज है.
तीसरा बम-
अगले साल से रिटर्न समय पर भरियेगा या फिर 10,000 तक रुपये का जुर्माना भरने को तैयार रहियेगा. आयकर कानून में नई धार (23एफ) के तहत अगर
रिटर्न भरने के आखिरी तारीख निकलने के बाद 31 दिन तक रिटर्न भरने पर जुर्माना होगा 5000 रुपये
और इसके बाद 10,000 रुपये का जुर्माना
यह प्रावधान अगले साल एक अप्रैल 2018 से लागू होंगे और 2018-19 के एसेसमेंट इयर में प्रभावी होंगे.
चौथा बम-
नकद में कारोबार करने पर कारोबारियों को मिलने वाली आयकर रियायतें कम हो जाएंगी. यदि कोई कारोबार जमीन या वित्तीय उपकरण (कैपिटल एक्सपेंडीचर)आदि खरीदने के लिए एक दिन में 10,000 रुपये से ज्यापदा भुगतान करता है तो उसे निर्धारित आयकर छूट नहीं मिलेगी जो डेप्रीशियेशन के नियमों के तहत मिलती है. ठीक इसी तरह खर्च के बदले लाभ पर आयकर छूट का प्रावधान भी सख्त किया गया है. 20,000 रुपये से अधिक के नकद भुगतान पर कर रियायत नहीं मिलेगी.
पांचवा बम-
अब सभी तरह के भुगतान जिन पर टीडीएस लगता है उनके लिए पैन अनिवार्य हो गया है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो दोगुना टीडीएस वसूला जाएगा.
छठा बम-
गलत सूचना देने पर अकाउंटेंड, मर्चेंट बैंकर और कॉस्ट अकाउंटेंट को देनी होगी पेनाल्टी