खतरे में 5 करोड़ मोबाइल नंबर, कभी भी हो सकते हैं ब्लॉक, ऐसे बचेगा आपका वाला

नई दिल्ली: देश में 5 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन नंबर बंद हो सकते हैं. हो सकता है कि इन कार्ड्स में से एक आपके सिम में भी हो . सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार एक नियम बना रही है . इस नियम को बनाने के लिए सरकार को एक साल का समय मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक साल के भीतर नियम बनाने का आदेश दिया है ताकि देश में सिम कार्ड के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके. कोर्ट का आदेश है कि सभी प्री-पेड सिम या तो आधार कार्ड से जोड़ दिए जाएं या उन्हें बंद कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा है कि सरकार की कोशिश है कि बैंकिंग सिस्टम को ऑनलाइन किया जाए और मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा भी दे रही है, ऐसे में मोबाइल ग्राहकों का वेरिफिकेशन महत्वपूर्ण है.
चीफ जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि मौजूदा प्री-पेड मोबाइल उपभोक्ताओं का वेरिफिकेश किया जाए. बेंच ने कहा कि इस उपभोक्ताओं की संख्या करोड़ों में हैं और केंद्र सरकार इनकी वेरिफिकेशन एक साल के अंदर करे.
सरकार जल्द ही देश में मोबाईल उपभोक्ताओं के वेरिफिकेश को शुरू करने जा रही है. एनजीओ लोकनीति फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार ने कोर्ट को बताया कि देश भर में मोबाईल उपभोक्ताओं का वेरिफिकेशन जल्द ही शुरू हो जायेगा. इसके तहत रिचार्ज के वक़्त फॉर्म भरने को दिया जाएगा.
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एनजीओ लोकनीति फाउंडेशन ने कहा है कि देश में 5 करोड़ मोबाईल उपभोक्ता हैं. इनमें बड़ी संख्या में उचित जांच के बिना नंबर दिए गए हैं. एनजीओ ने कहा था कि अब मोबाईल को बैंकिंग से जोड़ा जा रहा है, इसलिए ठगी से बचने के लिए मोबाइल उपभोक्ताओं का वेरिफिकेशन जरूरी है.
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कोर्ट ने भी माना कि देश में बढ़ते मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में समुचित कदम उठाने होंगे. इसके अलावा व्हाट्स अप और फेसबुक निजता सुरक्षा संबंधी मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को तय की है.