नई दिल्ली: देश में जवानों के नाम पर देशभक्ति की राजनीति खूब होती है. उनके बलिदान के नाम पर वोटों की फसल भी काटी जाती है लेकिन बदकिस्मती ये हैं कि जवानों की न तो कोई परवाह करता है न ही उनके मुंह खोलने पर सहानुभूति का रवैया अपनाता है. बीएसएफ BSF जवान तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर खराब खाने की शिकायत की तो उससे साथ ज्यादतियां शुरू हो गई. उसकी स्वैच्छिक सेवानिवृति की दरखास्त को पहले रद्द किया गया फिर उसे परेशन करना शुरू कर दिया गया. हालात ये हैं कि उससे मिलने के लिए तेज बहादुर की पत्नी को अदालत की शरण लेनी पड़ी.
इसके बाद की आवाज़ें उठीं. अब ताजा मामला है कश्मीर का. बीएसएफ के डीजी के के शर्मा नेशनल शूटिंग कॉम्पिटीशन में देश भर से आए बीएसएफ जवानों को संबोधित कर यह चेतावनी दे रहे थे कि जवान अगर अपने किसी भी परेशानी को सोशल मीडिया पर डालेंगे तो कठोर कार्रवाई होगी.
उसी समय समारोह के बीच एक जवान खड़ा हो गया और कहा कि मुझे कुछ कहना है. जवान जोर-जोर से अपनी जगह से ही बोलने लगा, ‘हमारी यूनिट लगातार तीन साल से जम्मू-कश्मीर की कड़ी ड्यूटी के बाद यहां पर तैनात है. जवान अपने परिवार से नहीं मिल पा रहे हैं जिससे परेशान हैं. इसलिए हमें अपने परिवार के साथ रहने के लिए व्यवस्था किया जाए.’
बीएसएफ के डीजी के के शर्मा जैसलमेर के किशनगढ़ फायरिंग रेंज में जवानों की शूटिंग कंपेटिशन का उद्घाटन करने आए थे. जवान के समारोह के दौरान इस तरफ से मांग रखने के बाद डीजी ने बस इतना कहा कि आपकी मांग पर विचार करेंगे और समारोह समाप्त हो गया. बाद में अधिकारियों ने पूछताछ की तो पता चला कि वह जवान शूटिंग चैंपियन में भाग नहीं ले रहा था. लेकिन डीजी को अपनी परेशानी बताने के लिए वहां जाकर बैठ गया था.
सबसे बुरी बात ये है कि देश के सुरक्षा करने वालों को अपनी परेशानियों को इस तरह जाहिर करना पड़ रहा है. होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह से उम्मीद की जाती है कि जवानों के लिए कुछ करें क्योंकि हतोत्साहित सेना किसी देश के लिए अच्छा शगुन नहीं है. video -aajtak. com