हैदराबाद: भारतीय आईटी इंडस्ट्री के दिग्गज और इन्फोसिस टेक्नॉलजी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टीवी मोहनदास पई का आरोप है कि देश की बड़ी आईटी कंपनियों ने नए भर्ती किए गए कर्मचारियों का वेतन कम रखने के लिए एक तरह से कथित तौर पर ‘गिरोहबाजी’ शुरू कर दी है. ये कंपनियां शुरुआती स्तर के सॉफ्टवेयर इंजिनियर्स की बड़ी संख्या में उपलब्धता का फायदा उठा रही हैं.
पई ने कहा, ‘यह भारतीय आईटी इंडस्ट्री के साथ दिक्कत है. भारतीय आईटी इंडस्ट्री अपने नये कर्मचारियों को ढंग का वेतन नहीं दे रहा है. यहां तक कि बड़ी कंपनियां नए भर्ती लोगों का वेतन नहीं बढ़ाने के लिए एक जुट हो गई हैं और वे आपस में इस विषय में बातचीत भी करती रहती हैं.’
रिपोर्ट्स के अनुसार 2 दशक पहले इस इंडस्ट्री में फ्रेशर को 2.25 लाख रुपये सालाना की शुरुआती पेशकश होती थी और वह बढ़कर अब केवल 3.5 लाख रुपये तक पहुंच सकी है. इससे पता चलता है कि मुद्रास्फीति समायोजित परिदृश्य के लिहाज से वास्तविक वेतन बहुत अधिक घटा है.
देश की प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी रहे पई के अनुसार यह बड़े दुख की बात है कि बड़ी कंपनियां फ्रेशर्स का वेतन नहीं बढ़ाने के लिए आपस में बातचीत कर रही हैं. पई का मानना है कि यह अच्छा संकेत नहीं है.