क्या ये सही है कि महिलाएं खुद को रेप से बचा सकती है? क्या रेप हो जाने के बाद भी महिलाओं को भी दोषी माना जाना चाहिए? या फिर ये महिलाओं पर ही दोष मढ़ देने की प्रवृति के अलावा कुछ नहीं ? आप भी महिलाओं को रेप के पीछे दोषी मानते हैं तो ये तस्वीरें हो सकता है आपकी सोच बदल दें. फोटो ग्राफर याना मजरकेविच ने यौन उत्पीड़न पर एक फोटो सीरीज शूट की है. इस फोटो सीरी ज की हर जगह तारीफ हो रही है, याना ने अपनी तस्वीरों में पीड़िताओं को दिखाया है जो जो रेप के लिए खुद को जिम्मेदार मानने वाली सोच का खुलासा करती हैं. इस सीरीज में 8 तस्वीरें हैं. जिसमें दिखाया गया है कि पुरुष के हाथों द्वारा महिलाओं को पीछे से जकड़ा गया है, और महिलाएं उनपर हुए रेप के लिए वही बातें कहती दिख रही हैं, जो समाज उनसे कहता है. समाच का सच दिखाती ये सशक्त तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
मुझे पता होना चाहिए था कि ऐसा कुछ हो सकता है
तुम्हें सोचना भी क्यों चाहिए कि तुम्हारा रेप हो जाएगा?
मुझे पता होना चाहिए था कि खुद को कैसे बचाना चाहिए
क्या हम उस समाज में रह रहे हैं जहां लड़कियों को सिर्फ ये सिखाया जाता है कि बलात्कार से खुद को कैसे बचाना है?
मुझे अकेले नहीं घूमना चाहिए था
समाज में सभी को निडर होकर चलने के पूरी आजादी होनी चाहिए.
मैं शायद ज्यादा फ्रेंडली हो गई थी
हंसकर बातें करने का मतलब ये जरा भी नहीं कि इसमें लड़की की रजामंदी है.
मैं अपने बॉयफ्रेंड को ना नहीं कह सकती
हां कहने का ये मतलब नहीं कि उसे रेप करने की आजादी मिल गई.
मेरी गलती थी, मैंने शराब पी थी
शराब पीने का ये मतलब नहीं कि किसी और को बलात्कार करने के लिए छूट मिल गईहो. इसके लिए जिम्मेदार रेप करने वाले हैं.
मुझे अपनी ड्रिंक नीचे नहीं रखनी चाहिए थी
अगर कोई तुम्हारे पेय में कुछ मिलाता है तो इसके लिए तुम जिम्मेदार नहीं हो.