नई दिल्ली: कश्मीर पर बयान देकर पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. चिदंबरम ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से हम कश्मीर को खो देंगे.
चिंदबरम का कहना है कि केंद्र सरकार जिस तरह से वहां के लोगों को कुचल रही है. उसकी वजह से ही कश्मीर में विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है.
उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में कश्मीर में पत्थरबाजी में काफी कमी आ गई थी जबकि एनडीए की सरकार में विरोध प्रदर्शन एक बार फिर तेज हो गई है.
वहीं, चिंदबरम के बयान की केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने निंदा की है. नायडू ने कहा है कि पूर्व गृहमंत्री का ऐसा बयान देना उचित नहीं है.
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि
कश्मीरी नौजवान किसी कारणवश हथियार उठाते हैं और उन्हें मौत की धमकी से डराया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवाओं को मौत से डर नहीं लगता है.
अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में आतंकियों की नई पीढ़ी ‘आजादी’ के लिए लड़ रही है. उन्होंने कहा, ‘इन लड़कों ने सब कुछ छोड़ दिया. हर कोई अपनी जिंदगी से प्यार करता है. कोई मरना नहीं चाहता. उन्होंने खुदा से वादा किया है कि आप जिंदगी और मौत के बारे में तय करो लेकिन हम इस राष्ट्र की आजादी के लिए अपनी जान देंगे.’
एनसी प्रमुख ने कहा कि कश्मीरियों की नई पीढ़ी बेखौफ है और उन्हें बंदूकों से डर नहीं लगता. उन्होंने कहा, ‘नई पीढ़ी को बंदूकों से डर नहीं लगता.’ नेशनल कांफ्रेस मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे मौत से नहीं डरते और नहीं उन्हें धमकी से डराया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने खुद को अल्लाह की इच्छा पर सौंप दिया है.’
बता दें कि शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद फारूक अब्दुल्ला के बयान पर बवाल खड़ा हो गया. फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर में सक्रिय आतंकी विधायक या सांसद बनने के लिए नहीं बल्कि अपने हक के लिए कुर्बानी दे रहे हैं. फारूक ने कहा कि कश्मीरी यूवा इस वतन की आजादी के लिए जान दे रहे हैं.